समाज के बढ़ते स्वरुप के साथ साथ अगर सही सीख या शिक्षा मिल जाए तो हम समाज को एक और नई दिशा की ओर अग्रसर कर सकते हैं। आज के इस लेख एक ऐसे महान पुरुष डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के अनमोल विचार (बाबा साहब के मोटिवेशन) लायें जिनसे आपको कुछ ना कुछ सीखने को जरूर मिलेगा।
डॉ भीमराव अम्बेडकर जीवन परिचय –
डॉ. भीमराव अम्बेडकर, जो भारतीय समाज के उत्थान और समाजिक समानता के प्रमुख चिंतक और नेता थे, उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महु में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई कर्नाटक, मुंबई और लंदन में की, जहां उन्होंने विभागीय शिक्षा प्राप्त की। डॉ. अम्बेडकर ने भारतीय समाज के अच्छूत और दलित समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए संघर्ष किया और उन्होंने भारतीय समाज के साथियों के साथ सामाजिक समानता की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाये।
उनकी मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुई, लेकिन उनका योगदान और दृढ़ संकल्प भारतीय समाज के साथ ही दुनिया भर के लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
बाबा साहब के मोटिवेशन – (ambedkar quotes in hindi)
अगर तुम अपने लक्ष्य को पाना चाहते हो,
तो तुम्हें दृढ़ निश्चय और
समर्पण की आवश्यकता होगी। – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“सिखना एक अद्वितीय कौशल है,
जो तुम्हारे साथ हमेशा रहेगा,
और तुम्हें कभी नहीं छोड़ेगा” । – डॉ भीमराव अम्बेडकर
समाज में परिवर्तन करने के लिए
हमें अपने अंदर के साहस को
जागृत करना होगा..। – डॉ भीमराव अम्बेडकर
सफलता की कुंजी शिक्षा है,
और शिक्षा का द्वार
हमेशा खुला होता है..। – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“मैं जो कुछ भी हूँ,
उसका कारण मेरी मेहनत
और मेरा विश्वास है.”। – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“समाज में सफल होने के लिए
आपको उच्चतम शिक्षा
हासिल करनी चाहिए।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“शिक्षा का हक हमारा अधिकार है,
और हमें इसे पूरी शिद्दत से
प्राप्त करना चाहिए।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“मैं आज को बेहतर बनाना चाहता हूं,
क्योंकि कल कोई भी आएगा
और मेरी मदद नहीं करेगा।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“समर्पण और संघर्ष ही
सफलता की कुंजी हैं।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“जब तक आप अपने लक्ष्यों के प्रति
पूरी तरह समर्पित नहीं होते,
तब तक सफलता दूर होती है।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“सफलता का सिर्फ एक ही रास्ता है,
कठिनाइयों का सामना करना
और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए
पूरी तरह समर्पित रहना।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“जिंदगी को जीने का तरीका यह है,
कि हमें आगे बढ़कर काम करना होता है,
और उसका इंतजार नहीं करना होता।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
शिक्षा आपके दिमाग को
मजबूत बनाती है,
और आपको स्वतंत्रता और समानता
की ओर अग्रसर करती है..। – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“समृद्धि का मापदंड व्यक्ति की शिक्षा
और कौशल में होना चाहिए,
न कि उसकी जाति या धर्म में।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“उसके बजाय कि सपने देखो,
अपने सपनों को हकीकत
बनाने के लिए काम करो।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“सफलता का एक ही रास्ता है
अपने लक्ष्यों का स्पष्टीकरण और
फिर उनकी पूरी तय के साथ प्राप्ति।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“समाज में न्याय के लिए
संघर्ष करना हमारा कर्तव्य है,
और हमें इसमें समर्थ रहना होगा।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“संघर्ष ही जीवन है।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“सफलता वो है जब आप
अपनी समस्याओं को,
अवसरों में बदल देते हैं।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“जाति, धर्म, और जाति विभाजन के
बिना समाज के उन्नति का कोई भी,
द्वार नहीं खुलता।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
“मेरा संघर्ष मेरी प्रार्थना है,
मैं उसे हर दिन करता हूँ।” – डॉ भीमराव अम्बेडकर
जिंदगी में सफलता पाने के लिए
आत्म-विश्वास रखो,
और मेहनत करो, क्योंकि
आपकी मेहनत कभी भी
बेकार नहीं जाती। – डॉ भीमराव अम्बेडकर
शिक्षा हमारे समृद्धि का माध्यम है,
और उसे हमें स्वतंत्र बनाने का कार्य है। – डॉ भीमराव अम्बेडकर
समाजिक न्याय के बिना,
स्वतंत्रता केवल शब्दों में होती है,
न कि वास्तविकता में। – डॉ भीमराव अम्बेडकर
।
सफलता पल भर में नहीं मिलती
बल्कि उसके लिए कठिनाइयों का,
सामना करना पड़ता है। – डॉ भीमराव अम्बेडकर
FAQs – बाबा साहब के मोटिवेशन
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मुख्य विचार क्या थे?
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मुख्य विचार निम्न प्रकार से हैं –
1- सिक्का सिर्फ एक ही तरफ चमकता है,
पर शिक्षा सभी ओर चमकती है।
2- आपका कुछ नहीं हो सकता है,
जब तक आप खुद पर भरोसा नहीं करते।
3- “समाज में बदलाव लाने का एकमात्र तरीका शिक्षा है।”
4- अगर आपका सपना महत्वपूर्ण है,
तो आपको उसे पूरा करने के लिए,
हर संभाव संभाव कोशिश करनी चाहिए।
बाबा साहब ने धर्म परिवर्तन कब किया?
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 1956 में धर्म परिवर्तन किया था और बौद्ध धर्म का अनुसरण किया था। इस समय, उन्होंने बौद्ध धर्म का अनुसरण करके नई जीवन शैली अपनाई थी।
बाबा साहब को कितने भाषाओं का ज्ञान था?
डॉ. भीमराव अंबेडकर को कई भाषाओं का ज्ञान था। वे मराठी, हिंदी, संस्कृत, पाली, अर्थशास्त्र, गणित, इतिहास, और ज्योतिष जैसे कई भाषाओं और विषयों में विशेषज्ञता रखते थे। उन्होंने अपनी शिक्षा और कैरियर में विभिन्न भाषाओं का अध्ययन किया और उनके ज्ञान का अद्भुत योगदान दिया।
बाबा साहब कौन समाज के थे?
डॉ. भीमराव अंबेडकर दलित समुदाय के थे, जिन्हें भारत में सामाजिक रूप से वंचित और असमान दर्जे पर रखा जाता था। वे दलित समुदाय के अधिकारों की लड़ाई लड़ने और उनके समाज में समानता की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। उन्होंने भारतीय समाज में असमानता और जातिवाद के खिलाफ संघर्ष किया और समाज में समानता और न्याय के पक्ष में अपने जीवन का समर्पण किया।
अंबेडकर का एक सिद्धांत क्या है?
डॉ. भीमराव अंबेडकर के एक महत्वपूर्ण सिद्धांत का नाम है “समाजिक समानता” (Social Equality)। उन्होंने समाज में सभी वर्गों और जातियों के लोगों के बीच समानता की प्राथमिकता को जाहिर किया और उनका मिशन समाज में जातिवाद, जातिगत भेदभाव, और असमानता के खिलाफ था। उन्होंने भारतीय समाज को समाजिक और आर्थिक रूप से समर्थन और समानता की दिशा में काम करने की अपील की थी। उनका सिद्धांत समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण योजना का हिस्सा था।
अंबेडकर ने हिंदू धर्म क्यों छोड़ा?
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म का अनुसरण क्यों किया, इसके पीछे कई कारण थे:
1. जातिवाद और असमानता: अंबेडकर का मुख्य कारण था हिंदू धर्म में जातिवाद के प्रति उनकी आलोचना और उनके समुदाय के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव का जवाब देने का इच्छा।
2. धार्मिक स्वतंत्रता: अंबेडकर के लिए बौद्ध धर्म एक स्वतंत्र धार्मिक विचारधारा थी, जिसमें उन्हें अपनी आत्मा की मुक्ति की खोज में सामंजस्य मिला।
3. भारतीय समाज का सुधार: उनका उद्देश्य भारतीय समाज में सामाजिक सुधार करना था, जिसके लिए वे बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को अपनाने का निर्णय लिया।
4. बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांत: अंबेडकर के लिए बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांत, जैसे कि आत्मा के मुक्ति की महत्वपूर्णता और समाज में समानता, आदिके अद्भुत थे, जिन्होंने उनकी धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण को प्रभावित किया।इन कारणों के संघर्ष में, अंबेडकर ने हिंदू धर्म को छोड़कर एक नए धर्म का अनुसरण किया, जिसमें उन्होंने अपने समुदाय के लोगों के लिए समाजिक समानता और न्याय की प्रमुख मांग को प्रकट किया।
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